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सरदार वल्लभ भाई पटेलजी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य । Intresting Facts About Sardar Vallabh Bhai Patel

सरदार वल्लभ भाई पटेलजी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य । Intresting Facts About Sardar Vallabh Bhai Patel 🔥🇮🇳🇮🇳🇮🇳






तो दोस्तो आज हम बात करने वाले है  हमारे भारत देश के पहले उप-प्रधानमंत्री , गृहमंत्री , लौह पुरुष तथा भारत की आज़ादी के स्वतंत्रता के सेनानी सरदार वल्लभभाई झावरभई पटेलजी की। इनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को नाडियाड , गुजरात मे हुआ था। 31 अक्टूबर को इनकी प्रतिमा (स्टेचू) का गुजरात में उद्घाटन किया गया। तो दोस्तो पहले हम वल्लभजी के बारे में जानेंगे फिर उनकी प्रतिमा (स्टेचू) के बारे में जानेंगे। तो आपका ज्यादा वक्त ना लेते हुए शुरू करते है–

1. सरदार वल्लभभाई पटेल जी का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को नाडियाड गुजरात मे एक कृषक परिवार में हुआ था।


2. इनके पिता का नाम झावरभाई पटेल तथा माता का नाम लड़ब देवी था तथा ये इनके चौंथी संतान थे।


3. इनका विवाह 16 वर्ष की आयु में झवेरबा से कर दिया गया था।


4. इनके दो संतान भी थे जिनके नाम है- मणिबेन पटेल तथा दहृभाई पटेल।


5. सरदार जी ने 1897 में 22 साल की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा पास की तथा लंदन जाकर बैरिस्टर की पढ़ाई करने लगे बाद में अहमदाबाद वापस लौटकर वकालत का काम किया।


6. सरदार पटेल की पत्नी की मृत्यु 1908 में हुई , उस समय सरदार पटेल अदालत में ज़िरह कर रहे थे , इसके बावजूद सरदार पटेल ने अपना कार्य जारी रखा तथा अदालत की कार्यवाही समाप्त होने के बाद ही वे उन्होंने ये खबर सबको बताई।


7. गुजरात मे सूखा पड़ जाने के कारण वहां की फसले अच्छी पैदावार नही कर पा रही थी , लेकिन अंग्रेज़ सरकार ने फिर भी कर वसूलना नही छोड़ा इसके विरुद्ध में पटेल जी ने बारदौली आंदोलन का नेतृत्व किया। इनका ये आंदोलन बहुत ही सफल रहा। इसलिए वहा की महिलाओं ने इन्हें सरदार की उपाधि दी।


8. आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है।


9. गृहमंत्री के रूप में पटेलजी ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (ICS) आईसीएस का भारतीयकरण या राष्ट्रीकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (IAS) आईएएस बनाया।


10. एक बार जब ब्रुबोनिक प्लेग नाम की बीमारी पुरे गुजरात में फैली हुई थी तब उनके एक मित्र को भी यह बीमारी हो गई थी उनकी देखरेख करने के लिए वे उनके साथ रहने लगे जिसके कारण वे भी इस बीमारी से संक्रमित हो गए।(सरदार पटेल जी सच्चे मित्र भी थे)।


11. सरदार पटेल जी का राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से बहुत ही गहरा लगाव था,जब महात्मा गांधी जी की मृत्यु हुई तब इनका भी स्वास्थ्य धीरे-धीरे बिगड़ने लगा तथा इन्हें एक बार दिल का दौरा भी पड़ा , आखिरकार 15 दिसंबर 1950 को दूसरी बार दिल का दौरा पड़ने के कारण इनका मुम्बई में देहांत हो गया।






12. मृत्यु के 41 वर्ष बाद 1991 में इन्हें भारत रत्न से नवाजा गया, यह इनके पौत्र विपिनभाई पटेल द्वारा स्वीकार किया गया।


13. नेहरू तथा पटेल में हमेशा से 36 का आंकड़ा रहता था, गांधी जी इनके सुलह के कड़ी थे 


14. ज्यादातर प्रान्तीय कांग्रेस समितियाँ पटेल के पक्ष में थे, गांधी जी की इच्छा का आदर करते हुए पटेल जी ने प्रधानमंत्री पद की दौड से अपने को दूर रखा और इसके लिये नेहरू का समर्थन किया।

15. सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने अनेक महत्वपूर्ण कार्य भी किये थे जिनमें प्रमुख है - सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण,कमला नेहरू अस्पताल,गांधी स्मारक आदि।

16. इनके सम्मान में अहमदाबाद के एक हवाई अड्डे के नाम सरदार वल्लभभाई पटेल , गुजरात के वल्लभ विद्यानगर में नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल विश्वविद्यालय आदि।


562 भारतीय सियासतों का विलय

सरदार पटेल ने आजादी के ठीक पूर्व (संक्रमण काल में) ही पीवी मेनन के साथ मिलकर कई देसी राज्यों को भारत में मिलाने के लिये कार्य आरम्भ कर दिया था। पटेल और मेनन ने देसी राजाओं को बहुत समझाया कि उन्हे स्वायत्तता देना सम्भव नहीं होगा। इसके परिणामस्वरूप तीन को छोडकर शेष सभी राजवाड़ो ने स्वेच्छा से भारत में विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। केवल जम्मू एवं कश्मीर,जूूूनागढ तथा हैदराबाद के राजाओं ने ऐसा करना नहीं स्वीकारा। जूनागढ के नवाब के विरुद्ध जब बहुत विरोध हुआ तो वह भागकर पाकिस्तान चला गया और जूनागढ भी भारत में मिल गया। जब हैदराबाद के निजाम ने भारत में विलय का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया तो सरदार पटेल ने वहाँ सेना भेजकर निजाम का आत्मसमर्पण करा लिया। किन्तु नेहरू ने काश्मीर को यह कहकर अपने पास रख लिया कि यह समस्या एक अन्तराष्ट्रीय समस्या है।

स्रोत:- भारतीय रियासत वाला लेख विकिपीडिया से लिया गया है।

'STATUE OF UNITY (एकता की मूर्ति)'


तो हमने सरदार पटेल के बारे में तो जान लिया अब बारी है उनके सम्मान में बनी उनकी मूर्ति 'STATUE OF UNITY' की। यह विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति बन चुकी है। तो चलिए बिना समय गवाए इसके बारे में बात करते है-

1. 'STATUE OF UNITY' सरदार पटेल की यह मूर्ति 597 फ़ीट (182m) होने के साथ भारत तथा विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति बन चुकी है।

2. यह स्मारक सरदार सरोवर बांध से 3.2 किमी की दूरी पर साधू बेट नामक स्थान पर है जो कि नर्मदा नदी पर एक टापू है। यह स्थान भारतीय राज्य गुजरात के भरूच के निकट नर्मदा जिले में स्थित है।

3. यह मूर्ति 6.5 तीव्रता वाले भूकम्प तथा 220 किलोमीटर के रफ्तार वाले हवा को सहने की क्षमता रखती है।

4. इस मूर्ति को 250 इंजिनीर्स तथा 3400 मज़दूरो ने 25,000 टन लोहा  और 90,000 टन सीमेंट से 4 साल में बनाया है, इसमे चीन के इंजिनीर्स भी शामिल है।

5. इस मूर्ति पर जो लिफ़्ट लगी है उससे लोग सरदार पटेल जी के ह्रदय 💓 तक जा सकेंगे।


6. इस मूर्ति का टिकट ताजमहल के टिकट से 7 गुना ज्यादा महँगा है।

6. इसका वजन 15 लाख किलो से भी ज्यादा है।

8. इस मूर्ति को बनाने में 2389 करोड़ रुपया खर्च हुआ है।

9. मूर्ति का त्रि-स्तरीय आधार, जिसमे प्रदर्शनी फ्लोर, छज्जा और छत शामिल हैं। छत पर स्मारक उपवन, विशाल संग्रहालय तथा प्रदर्शनी हॉल है जिसमे सरदार पटेल की जीवन तथा योगदानों को दर्शाया गया है।

10. नाव के द्वारा केवल 5 मिनट में मूर्ति तक पहुँचा जा सकेगा।

11. एक आधुनिक पब्लिक प्लाज़ा भी बनाया गया है, जिससे नर्मदा नदी व मूर्ति देखी जा सकती है। इसमें खान-पान स्टॉल, उपहार की दुकानें, रिटेल और अन्य सुविधाएँ शामिल हैं, जिससे पर्यटकों को अच्छा अनुभव होगा।

12. इस मूर्ति का उद्घाटन नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2018 को किया


रोचक तथ्य Part-1 रोचक तथ्य Part -2




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