Skip to main content

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रीय युवा दिवस स्पेशल : स्वामी विवेकानंद के बारे में चौंका देने वाले 30 रोचक तथ्य | Swami Vivekananda and National Youth Day Special: 30 Interesting Facts About Swami Vivekananda |

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रीय युवा दिवस स्पेशल : स्वामी विवेकानंद के बारे में चौंका देने वाले 30 रोचक तथ्य | Swami Vivekananda and National Youth Day Special: 30 Interesting Facts About Swami Vivekananda 


स्वामी विवेकानंद वेदान्त के प्रख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु और सन्यासी थे। इन्होंने अमेरिका में स्थित शिकागो में विश्व धर्म महासभा में भारत की और से सनातन (हिन्दू) धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत मे विवेकानंद को एक देशभक्त संत के रूप में माना जाता है , और इनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्या आपको इनके बारे में जानकारी है ? अगर नही तो चलिए दोस्तो स्टार्ट करते है-

1. स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में एक कुलीन बंगाली परिवार में हुआ था।

2. इनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाइकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे , तथा इनकी माता श्रीमती भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों वाली महिला थी।

3. इनके दादा दुर्गाचरण दत्त संस्कृत और फ़ारसी के विद्वान थे।

4. इनके बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। असल मे पहले इनकी मां ने इनका नाम वीरेश्वर रखा और प्यार से इन्हें बिली बुलाया करते थे। फिर नरेन्द्रनाथ दत्त नाम रखा गया।

5. बचपन से ही नरेन्द्रनाथ दत्त बड़े ही कुशाग्र बुद्धि और नटखट थे। वे अपने साथियों के साथ मिलकर अध्यापको से भी शरारत कर लिया करते थे।

6. विवेकानंद जी को पढ़ने में काफी रुचि थी। इन्हें वेद , उपनिषद , भगवदगीता , रामायण , पुराणों और महाभारत में काफी रुचि थी।

7. माता-पिता के संस्कारों और धर्मिक वातावरण के कारण ही विवेकानंद जी के मन मे ईश्वर को जानने और प्राप्त करने जिज्ञासा उठी।

8. ईश्वर को जानने की उत्सुकता में वे कभी-कभी ऐसे प्रश्न पूछ दिया करते थे जिनका जवाब उनके माता-पिता , कथावाचक और पंडितजी के पास भी नही होता था।


9. स्वामी जी ईश्वरचंद्र विद्यासागर इंस्टीटूट में पढ़ते थे , फिर इन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज में एंट्रेंसकी परीक्षा पास की। अपने परिवार में वे एकमात्र छात्र थे जिन्होंने इस परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। इन्होंने 1884 में बैचलर की डिग्री प्राप्त की।

10. इन्हें शास्त्रीय संगीत का भी ज्ञान था तथा वे नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम व खेल-कूद में भाग लिया करते थे।

11. इन्होंने स्पेंसर की किताब एजुकेशन का बंगाली में अनुवाद किया।

12. नरेन्द्रनाथ दत्त ने 25 वर्ष की अवस्था मे गेरुआ वस्त्र धारण किया।

13. फिर ये ब्रह्म समाज से जुड़े और ईश्वर को ढूंढने के मार्ग पर चल पड़े।

14. स्वामी विवेकानंद हमेशा लोगो से उनके भगवान और उनके धर्म के बारे में प्रश्न किया करते थे , लेकिन किसी का भी जवाब उन्हें संतुष्ट नही कर पाता था , उन्हें अपने सारे प्रश्नों का जवाब रामकृष्ण परमहंस से मिला। पहली बार नवंबर 1881 में वे रामकृष्ण परमहंस जी से मिले थे। यही से उनके जीवन की दिशा बदल गयी। यही से उन्होने इन्हें अपना गुरु मान लिया।

15. रामकृष्ण परमहंस जी के देहांत के बाद स्वामी जी ने रामकृष्ण जी की जिम्मेदारियां संभालनी शुरू कर दी। इन्होंने 1899 इनके मठ को बेलूर में स्थानांतरित किया। जहाँ इसे बेलूर मठ के नाम से जाना जाने लगा।

16. खेत्री के महाराजा अजित सिंह ने नरेन्द्रनाथ को विवेकानंद का नाम दिया था। इन्होंने ने ही इनकी मां को गरीबी के दिनों गोपनीय तरीके से ₹100 भेजा करते थे।


17. स्वामी विवेकानंद जी ने 31 मई 1893 को अपनी यात्रा पैदल ही शुरु की। इस बीच इन्होंने जापान के नागासाकी , योकोहामा , कोबे , ओसाका और टोक्यो समेत चीन और कनाडा होते हुए अमेरिका के शिकागो पहुंचे।


18.  अमेरिकाके शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया था। जहाँ विवेकानंद जी भारत की ओर से हिन्दू धर्म का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे थे। उस समय यूरोप-अमेरिका के लोग भारतीयों के विषय में बहुत ही हीन भावना रखते थे , इसलिए वे चाहते थे कि स्वामी विवेकानंद जी को इस सम्मेलन में बोलने का मौका ही न दिया जाए। परंतु एक अमेरिकन प्रोफेसर जॉन हेनरी द्वारा उन्हें बोलने का कुछ समय प्राप्त हुआ। 


19. इनका प्रमुख रूप से अपने भाषण की शुरुआत 'मेरे अमेरिकी भाइयों तथा बहनो' ने वहां के लोगो का दिल जीत लिया था। यह सुनते ही वहाँ बैठे 7,000 लोगो ने खड़े होकर इनके लिए तालिया बजाई।


20. इस के बाद इन्होंने बहुत से भाषण दिए कई लोगो से मिले जैसे कि- मैक्स मूलर , पॉल ड्यूसन और इनकी शिष्या भगिनी निवेदिता इत्यादि।

21. अमरीका के मीडिया वालों ने इनकी व्यक्तित्व-शैली और ज्ञान को देखते हुए इन्हें 'साइक्लोनिक हिन्दू' का नाम दिया , लेकिन विवेकानन्द स्वयं को 'गरीबो का सेवक' मानते थे।


22. अमेरिका से 1897 को भारत वापस लौटने के बाद इन्होंने कहा था कि "नया भारत निकल पड़े मोची की दुकान से, भड़भूँजे के भाड़ से, कारखाने से, हाट से, बाजार से; निकल पडे झाड़ियों, जंगलों, पहाड़ों, पर्वतों से।"


23. इन्होंने सामाजिक मुद्दों पर बहुत से भाषण दिए। उस समय इनके भाषण का प्रभाव महात्मा गांधी और सुभासचंद्र बोस पर पड़ा।


24. एक बार रवीन्द्रनाथ टैगोर जी ने कहा था कि 'अगर आप भारत देश को जानना चाहते हैं तो आप स्वामी विवेकानंद जी के बारे में पढ़िए , आप इसमें सब कुछ सकारात्मक ही पाएंगे , नकारात्मक कुछ भी नही।'


25. 1 मई 1897 में इन्होंने 'रामकृष्ण परमहंस मिशन' की स्थापना की।

26. इन्होंने खराब हालत होते हुए भी 1899 को दक्षिण की यात्रा की। इस यात्रा में इन्होंने सन फ्रांसिको और नई यॉर्क में वेदान्त यूनिवर्सिटी की स्थापना की तथा कैलिफोर्निया में शांति आश्रम की स्थापना की।

27. इन्हें हिंदी साहित्य में काफी रूचि थी। इन्होंने अनेक किताबे लिखि जैसे- कर्म-योग (1896) , राज-योग (1896) , वेदान्त शास्त्र (1896) , कोलोंबो से अल्मोरा तक के भाषण (1897) और भक्ति योग आदि।


28. इनके प्रसिद्ध कथनों में एक है- 'उठो , जागो और अपने लक्ष्य प्राप्ति तक रूको मत'


29.विवेकानंद जी को 31 बीमारियां थी इनमे से एक निद्रा रोग से ग्रसित होना भी शामिल है , 29 मई 1897 को शशि घोष को लिखे पत्र में ये कहा था कि मैं कभी भी बिस्तर पर लेटते ही नही सो सका।

30. स्वामी विवेकानंद जी ने भविष्यवाणी की थी कि वह 40 वर्ष की आयु तक नही जी पाएंगे , यह बात तब सच हुई जब उनकी मृत्यु तीसरी बार दिल का दौरा पड़ने से 4 जुलाई 1902 को हो गई। इन्होंने समाधि की अवस्था मे अपने प्राण त्यागे।



स्वामी विवेकानंद जी से जुड़े रोचक किस्से !

1. माँ का महत्व:- एक बार एक आदमी स्वामी विवेकानंद जी के पास गया और कहने लगा कि इस संसार मे माँ को इतना ज्यादा महत्व क्यों दिया जाता है। यह सुनकर स्वामी विवेकानंद क्रोधित हो गए। परंतु उन्होंने अपने क्रोध को शांत करते हुए कहा कि तूम एक बहुत है वजनदार पत्थर और एक रस्सी लेकर आओ। वह आदमी ले आया। तब स्वामी विवेकानंद जी ने कहा कि इस पत्थर को इस रस्सी से अपने पेट पर 9 महीनों तक बांध लो। उस आदमी ने ऐसा ही किया परंतु 4-5 घंटे के बाद वह उस पत्थर के वजन को सह नही पाया और स्वामी विवेकानंद जी के पास जाकर कहा कि गुरुदेव मैने आपसे एक प्रश्न किया था लेकिन आपने एक वजनदार पत्थर मेरे पेट मे लटकवा दिया। यह सुनते ही स्वामी विवेकानंद जी बोले जब तुम इस पत्थर को माही संभाल पाए तो सोचो वो मां जिसने अपने बच्चे को 9 महीने अपनी कोख में रखा उसे कितनी पीड़ा होती होगी। यह सुनते ही उस आदमी की आंखे खुल गई और वह स्वामी जी के चरणों मे गिर पड़ा।


2. गीता का महत्व:- उस समय विवेकानंद जी किसी सम्मेलन में विदेश गए हुए थे। वह पर लोग अपने-अपने धार्मिक ग्रथ लेकर आये थे , विवेकानंद जी अपने साथ गीता लेकर गए थे। तो इनकी किताब सभी किताबो के नीचे रखी हुई थी जिसे देखकर एक व्यक्ति ने कहा- आप कहते है कि आपकी गीता में बहुत ताकत है और आपने अपनी गीता को सबसे नीचे रखा है ऐसा क्यों? यह सुनने के बाद स्वामी जी उन किताबो के पास गए और अपनी को अपनी ओर खींच लिया। जिससे सारे ग्रंथ नीचे गिर गए। टैब विवेकानंद जी ने कहा- देखा गीता की ताकत! नीचे रहकर भी यह सभी को गिरा सकता है।

3. अपनी भाषा का सम्मान:- एक बार स्वामी जी के स्वागत के लिए अनेक खड़े  थे उनलोगों ने स्वामी विवेकानंद जी की ओर हाथ बढ़ाते हुुुए ''HELLO' कहा तो स्वामी जी ने हाथ जोड़ते हुए 'नमस्ते' कहा। उनलोगों को लगा कि शायद स्वाामी जी को इंग्लिश बोलना नही आता है  इसलिए फिर उन्होंने कहा आप कैसे है ? तो विवेकानंद जी ने कहा 'I AM FINE. THANK YOU.' 

ये सुनकर उनलोगों ने कहा कि स्वामी जी जब हमने आपने इंग्लिस में बात की तो आपने हिंदी में उत्तर दिया और फिर जब हमने हिंदी में बात की तो इंग्लिश में उत्तर दिया , ऐसा क्यों ? तो स्वामी जी ने कहा कि जब आपलोग 'HELLO' बोलकर अपने मातृभाषा का सम्मान कर थे तब मैंने भी 'नमस्ते' कहकर अपनी भाषा का सम्मान किया।

अगर किसी को इंग्लिश नही आती तो उन्हें शर्मिंदा होने की कोई जरूरत नही है बल्कि शर्मिन्दा तो उन्हें होने की जरूरत है जिन्हें हिंदी नही आती। क्योंकि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और हमे इस पर गर्व महसूस होना चाहिए।

क्या आपने किसी ऐसे देश के बारे में सुना है जिसका सरकारी कामकाज राष्ट्रभाषा को छोड़कर किसी अन्य भाषा मे होता हो ? जो व्यक्ति विदेश यहाँ आते है वे भी अपनी मातृभाषा से भाषण देते है।

तो जब वे अपनी मातृभाषा को नही छोड़ते तो हम क्यों छोड़े ?

4. संस्कृति वेशभूस में नही , चरित्र में होती है:- एक बार विदेश मेंं उनके भगवा वस्त्र और पगड़ी को देखकर लोगो ने काहा आपका बाकी का सामान कहाँ है।

तो कुछ लोगो ने मज़ाक उड़ाया की अरे यह कैसी संस्कृति है , शरीर पर बस एक भगवा चादर लपेट रखी है और कोट पतलून जैसा कुछ भी पहनावा नही।

इस स्वामी विवेकानंद बोले- हमारी संस्कृति आपकी संस्कृति से भिन्न हैं , आपकी संस्कृति का निर्माण आपके दर्जी करते है और हमारा चरित्र करता है। यह सुनकर उनलोगों के सर शर्म से झुक गए।

5. मां गंगा का महत्व:- एक बार एक सम्मेलन में कुछ पत्रकारों ने उनसे प्रश्न किया कि आपके देश मे किस नदी का जल सबसे अच्छा है ? 

तो स्वामी जी ने उत्तर दिया कि यमुना का जल सभी नदियों के जल में सबसे अच्छा है।

तो फिर पत्रकारों ने कहा- पर आपके देशवाशी तो कहते है कि गंगा का पानी सबसे अच्छा है ?

तो स्वामी जी का उत्तर था कि कौन कहता है कि गंगा नदी है , गंगा तो हमारी मां है और उसका जल नीर नही अमृत है।

6. मातृभाषा गौरव:- मिदनापुर में स्वामी विवकेकानंद का भाषण चल रहा था। कुछ युवाको ने खूूूशी जाहिर करते हुए "हिप हीप हुर्रे" का उदघोष किया। स्वामीजी ने भाषण रोककर कहा- तुम्हे लज्जा आनी चाहिए , तुम्हे अपनी भाषा का तनीक भी गर्व नही ? क्या तुम्हारे पिता अंग्रेेेज़ थे ? क्या तुम्हारी माँ गोरी चमड़ी की यूरोपियन थी ?  अंग्रेजों की नकल क्या तूम्हे शोभा देती है ? भगीनी निवेेदिता भी वही थी। उन्होने कहा तुम्हे कहना ही है तो कहो- सचिदानंदद परमात्मा की जय ! कहना ही है तो कहो वंदेमातरम ! कहना ही है तो कहो भारत माता की जय !

7. सच्चा पुरुषार्थ:- एक बार एक वीदेशी महिला स्वामी विवेकानंद के पास आकर बोली मैं आपसे शादी करना  चाहती हूँ।

स्वामी विवेकानंद ने कहा- आप मुझसे क्यों शादी करना चाहती है ? क्या आप नही जानती की मैं एक सन्यासी हूँ ? 

वह महिला बोली- मैं आपसे इसलिए शादी करना चाहती हूं क्योंकि मुझे आप ही के जैसा गौरवशाली , सुशील और तेजोमयी पुत्र हो। यह तभी संभव होगा जब आप मुझसे शादी करेंगे।

स्वामी जी बोले- हमारी शादी तो संभव नही है पर एक उपाय है।

वह महिला बोली- क्या ?

स्वामी जी बोले- आज से मैं आपका पुत्र और आप मेरी माँ ! आपको मेरे रूप में मेरे जैसा बेटा मिल जाएगा

इसे कहते है सच्चा पुरुषार्थ !!!!


माफ कीजियेगा दोस्तो ये पोस्ट थोड़ी देर से आई।


मकर संक्रांति और लोहड़ी की हार्दिक शुभकामनाएं !!!


ऐसे ही मज़ेदार तथा हैरान कर देने वाले रोचक तथ्यों को पढ़ने के लिए हमे फॉलो करें तथा इसे अपने तक ही सीमित न रखे इसे अपने अपने दोस्तों से साझा(share) करे ।
       धन्यवाद ।




आने वाले समय मे इस पर आपको रोचक तथ्यों के अलावा सुविचार , क्वाट्स , चुटकुले और टेक से जुड़े और भी कई मज़ेदार जानकारिया , टिप्स एंड ट्रिक्स मिलेंगी। प्लीज सपोर्ट।





Comments

Post a Comment

Popular Posts

इंटरनेट की 5 सबसे धाँसू वेबसाइट्स जिन्हें देखकर आप गदगद हो जाएंगे । You Will Be Grateful To See The 5 Most Ruthless Websites On The Internet ।

इंटरनेट की 5 सबसे धाँसू वेबसाइट्स जिन्हें देखकर आप गदगद हो जाएंगे । You Will Be Grateful To See The 5 Most Ruthless Websites On The Internet । तो आज मैं दोस्तो आपलोगो के लिए 5 सबसे धांसू वेबसाइट्स ले कर आया हूँ और मैं जल्द ही इसका पार्ट 2 भी लाऊंगा तो चलिए दोस्तों वक़्त जाया ना करते हुए शुरू करते है- 1. The Faces Of Facebook अगर आप एक फेसबुक यूजर है तो यह वेबसाइट आपके लिए बहुत ही मज़ेदार साबित होने वाली है, इस वेबसाइट की मदद से आप बहुत सारे फेसबुक यूजर्स के चेहरे देख सकते है। इस पर करीब 1.2 बिलियन (पोस्ट लिखने तक) फेसबुक यूजर्स के प्रोफाइल पिक सेव है यह वेबसाइट हर सेकंड अपडेट होती रहती है आप अपना फेसबुक आईडी लॉगिन कर अपना और अपने दोस्तों का प्रोफाइल पिक देख सकते है। इतना ही नही इससे आप फेसबुक से जुड़े कई जानकारी ले सकते है जैसे- हर दिन कितने फेसबुक एकाउंट डीएक्टिवेट और डिलीट किये जा रहे है , कितने एकाउंट बन रहे है। 2. FireEye Cyber Threat Map जैसा कि नाम से लग रहा है यह वेबसाइट हैकिंग से रिलेटेड है आज दुनिया मे हैकर किसी न किसी के सिस्टम को हैक करने की कोशिश करते रहते

भारत के बारे में मज़ेदार रोचक तथ्य जो आपको हैरान कर देंगे !

          भारत के बारे में मज़ेदार रोचक तथ्य  जो आपको हैरान कर देंगे                               1. भारत ने ही सबसे पहले चाँद पर पानी की खोज की था। 2.  आज से 10 लाख साल पूर्व भारत भी एक द्वीप हुआ करता था। 3.  वाराणसी दुनिया का सबसे पुराना शहर हैं , जहाँ आज भी लोग रहते है। 4.  दुनिया मे कम देशो के पास ही घुुुड़सवार सेना है , जिनमे से एक भारत भी है। 5. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया मे सबसे  ज्यादा अंग्रेजी बोलने वाले देशों में भारत दूसरे नंबर पर आता है। 6. भारत के श्रीनगर में एक तैरता हुआ डाकखाना है , जिसका उदघाटन 2011 में किया गया था। 7. भारत ने अब तक हुए सारे कबड्डी के वर्ल्ड कप जीते है। 8. भारत मे ही विश्व सबसे ऊंचा क्रिकेट स्टेडियम है , जो समुद्र तल से 2444 मीटर ऊंचा है , जिसे 1893 में बनाया गया था। 9.   भारत के द्वारा छोड़ा गया पहला रॉकेट सायकिल पर लाया गया था और पहला उपग्रह(satellite) बैलगाडी में ले जाया गया था। 10.   कुम्भ मेला इतना बड़ा होता है की इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है। 11. भारत विश्व का सबसे बड़